वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

के द्वारा छनित:

UNRWA

UNRWA ने असुरक्षा, भीषण बमबारी के बीच अपने मानवीय सहायता कार्य जारी रखे हैं.
© UNRWA

ग़ाज़ा में हिंसक टकराव से UNRWA की क्षमता पर किस तरह असर हुआ है?

क़ाबिज़ फ़लस्तीनी इलाक़े मे रह रहे लोगों तक आपात सहायता पहुँचाने के साथ-साथ, फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) कई अन्य प्रकार की अहम सेवाएँ भी प्रदान करती है. ग़ाज़ा पट्टी में पिछले एक वर्ष से जारी युद्ध के कारण, इन सेवाओं को ज़रूरतमन्द आबादी तक पहुँचाने के कार्य में बड़े पैमाने पर अवरोध पैदा हुए हैं.

ग़ाज़ा के कमाल अदवान अस्पताल को इसराइली सेना की भीषण बमबारी को झेलना पड़ा है.
© WHO

UNRWA के लिए 'स्याह घड़ी', इसराइली क़ानून लागू होने से रोकने की मांग

संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष फ़िलेमॉन यैंग ने कहा है कि लाखों फ़लस्तीनियों को भोजन, जल, संरक्षण समेत अन्य जीवनरक्षक सहायता प्रदान करने के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) की भूमिका बेहद अहम है. मगर, यदि इसराइल द्वारा नए क़ानूनों को लागू किया गया तो उसके लिए अपने दायित्व को पूरा कर पाना सम्भव नहीं होगा. संगठन के प्रमुख फ़िलिपे लज़ारिनी ने भी सदस्य देशों से आग्रह किया है कि इसराइली संसद के क़दम से UNRWA पर संकट है और इसलिए इन क़ानूनों को अमल में लाए जाने से रोकना होगा. 

UNRWA ने अपने साझीदार संगठनों के साथ मिलकर, ग़ाज़ा पट्टी में पोलियो वैक्सीन की दूसरी ख़ुराक देने की मुहिम शुरू की है.
© UNRWA

UNRWA पर इसराइली संसद की पाबन्दी के बाद, यूएन के शीर्ष अधिकारियों ने जताया क्षोभ

संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारियों ने ज़ोर देकर कहा है कि फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है और उसका स्थान कोई अन्य नहीं ले सकता है. उन्होंने इसराइली संसद में यूएन एजेंसी पर प्रतिबन्ध लगाने वाला विधेयक पारित होने पर आशंका जताई है कि इससे ग़ाज़ा पट्टी में फ़लस्तीनियों की पीड़ा और अधिक गहरी होगी.

UNRWA ने, पोलियो वैक्सीन अभियान के दूसरे चरण में, अहम भूमिका निभाई है.
© UNRWA

ग़ाज़ा: वैक्सीन ख़ुराकें पिलाए जाने के अभाव में, पोलियो के फैलाव का ख़तरा बढ़ा

संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारियों ने गुरूवार को कहा है कि ग़ाज़ा में पोलियो को जड़ से मिटाने के लिए अगर वैक्सीन अभियान के तहत अन्तिम चरण की ख़ुराकें नहीं पिलाई गईं तो वहाँ पोलियो के फैलाव का अतिरिक्त ख़तरा उत्पन्न हो रहा है. साथ ही इसराइल द्वारा उत्तरी ग़ाज़ा की नाकाबन्दी के बीच वहाँ तुरन्त युद्धविराम लागू किए जाने की सख़्त ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया गया है.

ग़ाज़ा पट्टी में इसराइल की भीषण बमबारी में, बहुत सी इमारतें ध्वस्त हो गई हैं जिनके मलबे में बहुत से लोग मौत के शिकार हो गए हैं और बहुत से जीवित भी फँसे हुए थे.
© UNOCHA/Themba Linden

उत्तरी ग़ाज़ा में हर तरफ़ फैली है मृत्यु-गन्ध, UNRWA प्रमुख

फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी – UNRWA के प्रमुख फ़िलिपे लज़ारिनी ने कहा है कि उत्तरी ग़ाज़ा में इसराइल की तीन सप्ताह से जारी निरन्तर भीषण बमबारी के परिणामस्वरूप हर तरफ़ मृत्यु की गन्ध फैली हुई है, क्योंकि शव या तो सड़कों पर हैं या मलबे के नीचे दबे हैं. उन्होंने इसराइली बमबारी से हुए भीषण नुक़सान को बयान करते हुए, तत्काल एक युद्धविराम लागू किए जाने की अपील की है.

ग़ाज़ा के मध्यवर्ती इलाक़े में अल अक़्सा अस्पताल पर इसराइल का भीषण हमला, जहाँ लोगों ने आश्रय लिया हुआ था.
© UNRWA

ग़ाज़ा में इसराइल के भीषण हमलों के बीच पोलियो वैक्सीन अभियान का दूसरा चरण

ग़ाज़ा पट्टी के मध्यवर्ती इलाक़े में इसराइल ने, नुसीरात में आश्रय स्थल में तब्दील किए गए एक स्कूल और दियर अल-बलाह में एक अस्पताल परिसार में भीषण हवाई हमले किए हैं, जहाँ अनेक शिविरों में आग लग गई जिनके भीतर लोग सो रहे थे. इस बीच पोलियो वैक्सीन की ख़ुराकें पिलाने के अभियान का दूसरा चरण भी सोमवार को शुरू हुआ है.

ग़ाज़ा में UNRWA के अनेक स्कूल/आश्रय स्थल, इसराइली बमबारी में तबाह हो गए हैं.
© UNRWA

ग़ाज़ा: इसराइली संसद में UNRWA-विरोधी विधेयक, एक 'ख़तरनाक परिपाटी' का संकेत

युद्धग्रस्त ग़ाज़ा पट्टी में विशाल मानवीय सहायता आवश्यकताओं व सुरक्षा चुनौतियों के मुद्दे पर बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक बैठक हुई है. फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) के प्रमुख फ़िलिपे लज़ारिनी ने, ग़ाज़ा में बर्बरता और अमानवीयकरण पर तुरन्त विराम लगाने की पुकार लगाई है, और आगाह किया है कि इसराइल में उनके संगठन के विरुद्ध लाए गए क़ानून का मसौदा, मानवीय सहायता अभियानों के लिए एक ख़तरनाक परिपाटी तैयार कर सकता है.

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश मध्य पूर्व की स्थिति पर प्रैस वार्ता करते हुए (8 अक्टूबर 2024)
UN Photo

इसराइल के सम्भावित क़ानून से, UNRWA पर पाबन्दी होगी ‘एक त्रासदी’, गुटेरेश की चेतावनी

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने मंगलवार को चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा है कि फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी – UNRWA के सहायता अभियानों को रोकने वाले जो दो विधेयक, इसराइली संसद में विचाराधीन हैं, अगर वो क़ानून बन गए तो क्षेत्र में इस एजेंसी के जीवनरक्षक अभियान बन्द हो जाएंगे.

ग़ाज़ा में इसराइली बमबारी में जान-माल का भीषण नुक़सान हुआ है. लगभग 90 प्रतिशत आबादी विस्थापित है और बहुत से लोगों को स्कूलों में पनाह लेनी पड़ी है.
© UNRWA

‘हमने ग़ाज़ा के लोगों को बेसहारा छोड़ दिया है’ एंतोनियो गुटेरेश

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि “विश्व ने ग़ाज़ा के लोगों को बेसहारा छोड़ दिया है” और मध्य पूर्व में फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी – UNRWA, युद्ध के कारण नरक जैसा स्थान बन चुके ग़ाज़ा में, आशा की केवल एक मात्र स्तम्भ बची है.

UNRWA के प्रमुख फ़िलिपे लज़ारिनी ने, यूएन न्यूज़ के साथ बातचीत में, लेबनान के हालात, ग़ाज़ा जैसे नहीं होने देने की पुकार भी लगाई.
UN News

मध्य पूर्व में अन्तरराष्ट्रीय क़ानून की अवहेलना को रोकना होगा, लज़ारिनी

फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी - UNRWA का कहना है कि मध्य पूर्व में इस समय ऐसी स्थिति है जब वहाँ हर दिन, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून की अवहेलना, धूर्तता के साथ की जा रही है. उन्होंने यूएन न्यूज़ के ख़ालिद हैरपिदी मोहम्मद के साथ, यूएन मुख्यालय में एक ख़ास बातचीत में कहा कि ग़ाज़ा में लगभग छह लाख लड़के-लड़कियों को शिक्षा मुहैया कराने में और जितनी भी और देरी होगी, उससे एक पीढ़ी के खो जाने का जोखिम उतना ही बढ़ेगा.

उन्होंने इसराइल और लेबनान के दरम्यान टकराव में उछाल पर भी बात करते हुए, लेबनान को एक नया ग़ाज़ा नहीं बनने देने की, यूएन महासचिव की पुकार को दोहराया... (वीडियो)