यूक्रेन
स्पष्ट है कि यूक्रेन के लोगों और दुनिया भर में भी लाखों लोगों के लिए, इस युद्ध का जारी रहना किसी भी नज़र से सही नहीं है. उन्हें युद्ध समाप्ति और इस संघर्ष के एक राजनैतिक समाधान की दरकार है.
यूएन आपदा राहत मामलों के समन्वयक मार्टिन ग्रिफ़िथ्स का, 15 मई 2023 को सुरक्षा परिषद में बयान.
यूक्रेन संकट पर एक नज़र
यूक्रेन पर, 24 फ़रवरी 2022 को रूसी संघ के सैन्य हमले के बाद वहाँ हालात बहुत तेज़ी से बिगड़े हैं. कम से कम आठ क्षेत्रों में सशस्त्र हिंसा तेज़ी से भड़की जिनमें राजधानी कीयेफ़ के अलावा पूर्वी क्षेत्र दोनेत्स्क और लूहान्स्क भी शामिल थे, जहाँ पहले से ही संघर्ष जारी था.
संघर्ष में बढ़ोत्तरी के कारण मानवीय ज़रूरतों में तत्काल व बहुत व्यापक बढ़ोत्तरी हुई है क्योंकि ज़रूरी चीज़ों व सेवाओं की उपलब्धता में बाधा उत्पन्न हुई है और आम लोगों को अपने स्थानों से भागना पड़ा है.
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, यूक्रेन के भीतर लगभग सवा करोड़ लोगों को राहत व सुरक्षा की ज़रूरत होगी, जबकि आने वाले महीनों के दौरान 40 लाख से ज़्यादा शरणार्थियों को सुरक्षा व सहायता की ज़रूरत पड़ेगी.
संयुक्त राष्ट्र व मानवीय साझीदार संगठनों ने, यूक्रेन में लोगों और पड़ोसी देशों में पहुँचे शरणार्थियों को तत्काल मानवीय सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से, एक मार्च 2022 को एक अरब 70 करोड़ डॉलर की सहायता अपील जारी की है.
इस योजना के तहत यूक्रेन के भीतर लगभग एक अरब 10 करोड़ डॉलर की राशि, रूस के सैन्य हमले से प्रभावित और विस्थापित 60 लाख से भी ज़्यादा लोगों की मानवीय ज़रूरतें पूरी करने पर अगले तीन महीनों के दौरान ख़र्च की जाएगी. संयुक्त राष्ट्र ने क़रीब 55 करोड़ 10 लाख डॉलर की धनराशि की अपील, देश के बाहर पड़ोसी देशों में पहुँच शरणार्थियों की मदद करने के लिये की, जो पोलैंड, हंगरी, रोमानिया और मोल्दोवा में पहुँचे हैं.
यूक्रेन के लिये संयुक्त राष्ट्र के संकट संयोजक अमीन अवाद ने 5 मार्च को, रूसी व यूक्रेनी सेनाओं के बीच जारी लड़ाई में, तत्काल मानवीय युद्धविराम लागू किये जाने की पुकार लगाई. इस बीच यूक्रेन में संयुक्त राष्ट्र की सहायता सामग्री पहुँचनी शुरू हो गई.
यूक्रेन में संयुक्त राष्ट्र की देश टीम के बारे में और जानकारी यहाँ देखी जा सकती है.
फ़ीचर सामग्री
यूक्रेन आक्रमण: ज़रूरतों में उछाल, अनेक शहरो में भारी क़िल्लत; यूएन क़ाफ़िला सूमी पहुँचा
संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता एजेंसियों ने यूक्रेन के पश्चिमी शहर लिविफ़ में शुक्रवार को हवाई अड्डे के निकट एक मिसाइल हमले के बाद, आगाह करते हुए कहा है कि पूरे देश में स्थिति बहुत ख़तरनाक है, जबकि रूस का सैन्य आक्रमण जारी है.
यूक्रेन में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रतिनिधि ने कहा है कि शुक्रवार सुबह लिविफ़ में जो कुछ हुआ है, वो नया नहीं है, ये वैसा ही था जैसाकि देश के अन्य हिस्सों में हो रहा है, मगर ये घटना मज़बूती से याद दिलाती है कि ये देश युद्ध में है और चिकित्सा ज़रूरतें बढ़ रही हैं.
WHO के आँकड़ों के अनुसार, यूक्रेन में युद्ध चौथे सप्ताह में है और देश भर में स्वास्थ्य सेवाओं पर 44 हमले दर्ज किये जा चुके हैं, जिनमें अभी तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है.
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महासभा का सन्देश बिल्कुल स्पष्ट है: यूक्रेन में संघर्ष बन्द हो - बिल्कुल अभी. बन्दूकों को ख़ामोश किया जाए – अभी. सम्वाद और राजनय के दरवाज़े खोलें – इसी समय.
हम बिल्कुल भी समय नहीं गँवा सकते. युद्ध के क्रूर प्रभाव सामने हैं. यूक्रेन में इस समय लोगों के लिये जो स्थिति है, उसके और भी ज़्यादा बदतर होने का जोखिम है. टिक-टिक करके आगे बढ़ती घड़ी दरअसल एक टाइम बम है.
दुनिया, यूक्रेन में असाम मानव तकलीफ़ को रोकना चाहती है. ये सच्चाई, यूक्रेन व पड़ोसी देशों में हमारे मानवीय सहायता अभियानों के लिये त्वरित अपील में भी स्पष्ट है. हमारी वैश्विक औचक अपील के लिये दरियादिली देखने को मिली है.
आगे की बात करें तो, मैं युद्ध को तुरन्त रुकवाने और शान्ति की ख़ातिर तत्काल वार्ता में योगदान के लिये, अपनी पूरी ताक़त झोंक दूंगा. यूक्रेन के लोगों को शान्ति की तत्काल ज़रूरत है. और विश्व भर के लोगों की भी यही मांग है.
महासचिव की विस्तृत टिप्पणी यहाँ पढ़ें.
यूएन आपदा संयोजक (यूक्रेन)
यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने, सूडान के अमीन अवाद को यूक्रेन के लिये आपदा संयोजक के रूप में काम करने के लिये, सहायका महासचिव नियुक्त किया है.
सुरक्षा परिषद की एक बैठक 31 जनवरी 2022 को, अमेरिका के अनुरोध पर हुई जिसमें रूस की एक लाख से ज़्यादा कथित सैन्य तैनाती व यूक्रेन की सीमा पर युद्ध तैयारियों के विषय पर चर्चा हुई.
यूक्रेन के दो क्षेत्रों – डोनेत्स्क और लूहान्स को स्वतंत्र क्षेत्रों के रूप में मान्यता देने की रूस की घोषणा के बाद, 21 फ़रवरी को, यूक्रेन के प्रतिनिधि के अनुरोध पर सुरक्षा परिषद की एक आपात बैठक आयोजित की गई. संयुक्त राष्ट्र के राजनैतिक मामलों की प्रमुख रोज़मैरी डीकार्लो ने सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए, रूसी संघ द्वारा “शान्तिरक्षा मिशन” नामक वाक्यांश का प्रयोग किये जाने पर चिन्ता व्यक्त की और क्षेत्रीय व वैश्विक परिणामों के जोखिमों के बारे में आगाह भी किया.
23, 25 और 27 फ़रवरी को भी, सुरक्षा परिषद के आपात सत्र आयोजित किये गए. यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने 23 फ़रवरी को देर रात हुई आपात बैठक में रूस के राष्ट्रपति से, रूसी सेनाओं को यूक्रेन पर हमला करने से रोकने की ज़ोरदार अपील की. मगर, इस अपील के कुछ ही मिनटों के भीतर ऐसी ख़बरें आईं कि रूसी संघ ने, यूक्रेन में ‘विशेष सैन्य अभियान’ शुरू कर दिया है. सुरक्षा परिषद के अनेक सदस्यों ने इस घटनाक्रम की निन्दा की.
रूसी हमले के घटनाक्रम , शुक्रवार, 25 फ़रवरी को देर रात फिर सुरक्षा परिषद की बैठक हुई जिसमें, “रूसी आक्रमण” की निन्दा कै आशय वाले और रूस से उसकी सेनाओं की वापसी की मांग करने वाले एक मसौदा प्रस्ताव पर मतदान हुआ. उस प्रस्ताव के समर्थन में 11 वोट पड़े, और तीन देशों (चीन, भारत और संयुक्त अरब अमीरात) ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया. रूस ने उस प्रस्ताव के विरोध में मत दिया. ध्यान रहे कि फ़रवरी महीने के लिये सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता रूस के पास थी.
रविवार, 27 फ़रवरी को, सप्ताह में चौथी बार, सुरक्षा परिषद की आपात बैठक हुई जिसमें 'Uniting for peace’ एक प्रक्रियात्मक उपाय पारित किया गया. इसके तहत 193 सदस्यों वाली यूएन महासभा से, यूक्रेन में रूसी सैन्य अभियान को तुरन्त रोकने की मांग करने वाला एक मसौदा तुरन्त पारित करने का आहवान किया गया.
यूक्रेन पर रूस के सैन्य आक्रमण के बाद, क्षेत्र में तेज़ी से बिगड़ते हालात के बीच, रूस ने 26 फ़रवरी को सुरक्षा परिषद में, रूसी आक्रमण के इरादे से पेश किये गए प्रस्ताव को वीटो कर दिया. सुरक्षा परिषद के पाँच स्थाई सदस्यों में से अगर एक सदस्य भी, किसी प्रस्ताव या कार्रवाई के ख़िलाफ़ वोट करता है तो, वो प्रस्ताव या कार्रवाई पारित नहीं होते हैं. ध्यान रहे कि सुरक्षा परिषद के पाँच स्थाई सदस्य हैं – चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका, जिन्हें वीटो का अधिकार हासिल है.
सुरक्षा परिषद की उस बैठक के अन्त में, यूक्रेन व कुछ अन्य सदस्यों ने, इसी तरह का प्रस्ताव 193 सदस्यों वाली यूएन महासभा में पेश करने की पेशकश की, जहाँ उसे वीटो ना किया जा सके.
रविवार, 27 फ़रवरी को, सुरक्षा परिषद का एक और आपात सत्र आयोजित हुआ जिसमें हुई जिसमें ‘Uniting for peace’ एक प्रक्रियात्मक उपाय पारित किया गया. इसके तहत 193 सदस्यों वाली यूएन महासभा से, उसका एक आपात विशेष सत्र तत्काल आयोजित करके, यूक्रेन में रूसी ‘सैन्य अभियान’ को तुरन्त रोकने की मांग करने वाला एक मसौदा तुरन्त पारित करने का आहवान किया गया.
सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्यों के बीच सहमति के अभाव में अगर यह संस्था अन्तरराष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा बनाए रखने की मुख्य ज़िम्मेदारी निभाने में नाकाम रहती है तो, यूएन महासभा को ‘Uniting for peace’ प्रक्रिया के तहत कार्रवाई करने की शक्ति प्राप्त है.
यूएन महासभा का 11वाँ विशेष आपात सत्र, एक मार्च को आयोजित हुआ और दिन भर चले विमर्श के बाद, रूस से, यूक्रेन में अपने सैन्य अभियान तत्काल रोकने की मांग करने वाला एक प्रस्ताव, बड़े बहुमत के साथ, 2 मार्च को पारित किया गया.
141 देशों ने प्रस्ताव के समर्थन में वोट दिया जिसमें यूक्रेन की सम्प्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखण्डता की भी सम्पुष्टि की गई.
यूक्रेन में यूएन एजेंसियाँ