वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

के द्वारा छनित:

एसडीजी

भारत की राजधानी नई दिल्ली में, ऐतिहासिक इंडिया गेट.
UN India/Screenshot

संयुक्त राष्ट्र दिवस: यूएन व भारत की साझेदारी की दास्तान

भारत, संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के समय से ही इस विश्व संगठन के साथ सक्रिय साझेदारी निभाता रहा है. भारत 1947 में मिली स्वतंत्रता से पहले भी 1945 में उन 50 देशों में शामिल रहा जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा को अन्तिम रूप दिए जाने में भी भारत का अहम योगदान रहा है. इस सफ़र की एक झलक... (वीडियो)

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने रूस के कज़ान शहर में आयोजित ब्रिक्स समूह की बैठक में शिरकत की.
© BRICS-Russia/Vladimir Astapkovich

अन्तरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने में, 'ब्रिक्स' समूह की अहम भूमिका - महासचिव

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि अन्तर-सरकारी संगठन ‘ब्रिक्स’, वैश्विक विकास और सुरक्षा हासिल करने के लिए बहुपक्षवाद को मज़बूती देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. उन्होंने रूस के कज़ान शहर में, इस समूह की शिखर बैठक को सम्बोधित करते हुए यह बात कही है.

जीवाश्म ईंधन संचालित ऊर्जा संयंत्र, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का एक बड़ा कारण हैं.
© Unsplash/Nik Shuliahin

ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन सबसे ऊँचे स्तर पर, UNEP ने कार्रवाई की लगाई पुकार

ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन की वार्षिक मात्रा अब तक के अपने सबसे ऊँचे स्तर पर पहुँच गई है, जिसके मद्देनज़र तापमान में वृद्धि को टालने और जलवायु परिवर्तन के बदतरीन प्रभावों से बचने के लिए तत्काल क़दम उठाए जाने होंगे. संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने गुरूवार को अपनी एक रिपोर्ट में चेतावनी जारी की है.

ITU की महासचिव, डोरेन बोगडान-मार्टिन,  विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा (WTSA) के अवसर पर भारत की राजधानी नई दिल्ली में.
© ITU

भारत: ITU की सभा में, AI के वैश्विक मानकों और क्षमता विकास पर चर्चा

सितम्बर में शुरू हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र में विश्व स्तर पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए मानक तय करने का आहवान किया गया था. इसी पृष्ठभूमि में, भारत की राजधानी दिल्ली में ITU की वैश्विक दूरसंचार मानकीकरण सभा (WTSA) के दौरान, वैश्विक डिजिटल कॉम्पैक्ट की प्राथमिकताओं से जुड़ी कार्रवाई पर ध्यान केन्द्रित किया गया है.

मच्छर वैसे तो जैव-विविधता के लिए अहम हैं, मगर इनसे अनेक तरह की बीमारियाँ भी फैलती हैं.
© NIAID

WHO: मिस्र सदियों पुरानी बीमारी मलेरिया से मुक्त घोषित

विश्व स्वास्थ्य संगठन – WHO ने मिस्र को आधिकारिक रूप से मलेरिया मुक्त घोषित कर दिया है. मिस्र को  यह सफलता, मलेरिया से मुक्ति दिलाने के लिए लगभग एक सदी के प्रयासों के परिणाम स्वरूप हासिल हुई है.

एक फूल के पास इठलाती हमिंगबर्ड.
© Unsplash/James Wainscoat

जैवविविधता सम्मेलन (COP16): प्रकृति व मानवता की सेहत लगी है दाँव पर

संयुक्त राष्ट्र जैविक विविधता सम्मेलन (COP16), कोलम्बिया के कैली शहर में आधिकारिक रूप से सोमवार को आरम्भ हुआ है, जहाँ उम्मीद की जा रही है कि पर्यावरण को बचाने के लिए देशों की सरकारों में सहमति बनेगी.

कोलम्बिया के तोलिमा में आयोजित एक मार्च के दौरान, एक युवा कॉप16 सम्मेलन के आधिकारिक लोगो वाले बटन को दर्शा रहा है.
Environment Ministry of Colombia

प्रकृति के साथ समरसता स्थापित करने पर केन्द्रित जैवविविधता सम्मेलन (COP16)

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने प्रकृति के साथ शान्ति स्थापित किए जाने, पर्यावास क्षरण व प्रजातियों को लुप्त होने से रोकने के लिए योजना तैयार करने और पारिस्थितिकी तंत्रों की रक्षा किए जाने की पुकार लगाई है. उन्होंने जैवविविधता सम्मेलन (COP16) के लिए कोलम्बिया के कैली शहर में जुटे प्रतिनिधियों से मुख़ातिब होते हुए यह आहवान किया है.

हेती में गैंग हिंसा से बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हुए हैं. अनेक अन्य देशों में भी करोड़ों लोग, हिंसक और युद्धक हालात के कारण भी निर्धनता के गर्त में धकेल दिए गए हैं.
© UNOCHA/Giles Clarke

1.1 अरब लोग हैं गम्भीर निर्धनता में, उनमें से 40% हिंसक टकरावों वाले देशों में

दुनिया भर में एक अरब से अधिक लोग अत्यन्त गम्भीर निर्धनता में रहने को मजबूर हैं, और उनमें से भी लगभग 40 प्रतिशत आबादी, हिंसक टकरावों वाली स्थितियों में रह रही है.

यूएन न्यूज़ ने मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क के साथ एक ख़ास बातचीत की.
UN News

वैश्विक संकटों के दौर में, राजनैतिक नेतृत्व से मानवाधिकारों के लिए समर्थन की मांग

मानवाधिकार मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारी वोल्कर टर्क ने यूएन न्यूज़ को बताया है कि दुनिया भर में, स्वयं मानवाधिकार संकट में नहीं हैं, बल्कि उन्हें वास्तविकता में साकार किए जाने के प्रयासों में समस्याएँ हैं, और मज़बूत राजनैतिक नेतृत्व के अभाव में सर्वजन के अधिकारों का सम्मान नहीं हो पा रहा है.

दुनिया के अधिकाँश हिस्सों में स्वस्थ आहार की क़ीमत बढ़ रही है.
© Unsplash/Mariana Medvedeva

एक बेहतर जीवन व भविष्य के लिए, भूख संकट का समाधान ढूंढने की पुकार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने ‘विश्व खाद्य दिवस’ के अवसर पर अपने सन्देश में ऐसी दुनिया पर क्षोभ व्यक्त किया है जहाँ अरबों बच्चों, महिलाओं और पुरुषों के लिए, भूख व कुपोषण अब भी जीवन की एक वास्तविकता बने हुए हैं. उन्होंने इस वैश्विक चुनौती के विरुद्ध एक बड़ी लड़ाई लड़ने और बेहतर भविष्य के लिए खाद्य अभाव को दूर करने का आहवान किया है.